RAGHUVAR HUMARE LYRICS || JUBIN NAUTIYAL || PAYAL DEV || MANOJ MUNTASHIR || New Song || LYRICSHUBINDIA

राम लला है राम लला
हम तन है और तुम प्राण समझ लो
द्वार तुम्हारा ना छोड़ेंगे
हमको भी हनुमान समझ लो

नगरी वो सरजू किनारे
जहां रहते हैं रघुवर हमारे
नगरी वो सरजू किनारे
जहां रहते हैं रघुवर हमारे
कह दो ये जाके कोई चंद्रमा से
आरती प्रभु की उतारे
नगरी वो सरजू किनारे
जहां रहते हैं रघुवर हमारे

कोई सावन की घटा
ऐसे बरसेगी कहां
जस भक्तों के नयन बिरहा में बरसे
गली गली बिना तेरे मारे मारे से फिरे

जैसे अनाथ कोई ममता को तरसे

14 बरस का वनवास देखा
तब जाके चमकी माथे की रेखा
नैना खुशी से है भीगे भीगे
दशरथ के ललना पधारे

नगरी वो सरजू किनारे
जहां रहते हैं रघुवर हमारे
नगरी वो सरजू किनारे
जहां रहते हैं रघुवर हमारे
तेरे बिन मांगे हमें दे दिया

तूने बिन मांगे हमें दे दिया राम रतन

जो किसी मोल प्रभु बिकता नहीं है
संभली तेरी छवि जब से देखी है हरी
हमें अब और कोई दिखता नहीं
धूली अवध की माथे लगा के
हम हो चुके हैं राम अयोध्या
आवाज ना दे अब कोई हमको
ना कोई हमको पुकारे

नगरी वो सरजू किनारे
जहां रहते हैं रघुवर हमारे
नगरी वो सरजू किनारे
जहां रहते हैं रघुवर हमारे
सीताराम सीताराम सीताराम गाओ
दुख सारे बीत गए मंगल – 2 Times

दशरथ के ललना का अंगना सजाओ

सीताराम सीताराम सीताराम गाओ
दीपावली जो नहीं आज तो क्या
सारी अवध में दीपक जलाओ


सीताराम सीताराम सीताराम गाओ
वन के भारत प दुकाए उठाओ
हमने प्रतीक्षा में बरसों गुजारे
चल नन रख दे अयोध्या के द्वारे

नगरी वो सरजू किनारे
जहां रहते है रघुवर हमारे
नगरी वो सरजू किनारे
जहां रहते हैं रघुवर हमारे

नगरी वो सरजू किनारे
जहां रहते हैं रघुवर हमारे
कह दो ये जाके ई चंद्रमा से
आरती प्रभु की उतारे
नगरी वो सरजू किनारे
जहां रहते रघुवर हमारे

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